Monday, August 20, 2007

"अनायास-प्रयास"


१.
बूढ़ी आदत , बासा शौक
सपनों पे बारिश की छौंक
पहली मेहनत , पहली धौंक
मुर्दा बस्ती , रौशन चौक....

२.
काला लहू , अखिरी कतरा
मौत खोजता जिंदा बजरा
काले आँसू , गहरा दाग
कैसी होली ? कैसी फाग ?....

३.
बेशर्मो का मर्यादित चकला
व्यभिचारी नजरों क हमला
बेकारी - रस्मों का जुमला
लजाई साँझ , रात की अबला...

४.
मीठी अंगीठी , कड़ुआ पानी
मेरी कहानी ,तेरी जबानी
भूखे बादल , खारे नैना
चढ़ती रैना , लुटते चैना...

५.
बूढ़ा चूल्हा , धुँआ खांसता
कालिख पुती चाँदनी बाँछ्ता
रात खटोला खूब काँखता
सन्नाटे का जिस्म काँपता...

६.
पिघली धड़कन , बुझती आह
अतह सिमटती ,जलती छाँह
दुःस्वप्नों में उलझी राह
खुदको ठगती , लोभन चाह....

७.
घाट , कुँआ , अमिया, पगडंडी.
ताजा गुड़ ,गन्ने की मंडी
इठलाते बरगद की ठंडी
बंधी अकेली- भगवा झंडी....


....निखिल-प्रबल
१८-०८-०७

1 comment:

वर्तिका said...

tumhari likhi ye pehli hindi rachnaa hai jise maine padhaa( i read it long ago, at nikhil's blog)... aur main aashcharya mein doob gayi ki ye usi prabal ki kalam se nikli hai jise main jaanti hoon... i nvr knew ki tum hindi mein bhi itnaa accha likh sakte ho... par ab lagta hai ki shayad mere iss aashcharya ka koi aadhar hi nahin tha....jiske vichaar itne acche hon, use bhaasha thode hi baandh sakti hai...

khush raho, humesha...