Sunday, June 23, 2013

गलती

नींद लंबी हो गई, तो ठंड की गलती
छोटी रह गई, तो सूरज की ।
सड़क पे गढ्ढे, तो शहर की गलती
गढ्ढों में कीचड़, तो मौसम की ।
कद ठीक नहीं, तो परिवार की गलती
बाल झड़ने लगें, तो पानी की ।
तंख्वा कम है, तो कंपनी की गलती
काम बेकार है, तो मैनेजर की ।
बड़ा घोटाला, तो सरकार की गलती
लिपि-पुती खबरें, तो मीडिया की ।
नौकरियां कम हैं, आबादी की गलती
ऐड्मीशन कम, तो आरक्शण की ।
आवाज़ खराब हुई, सिगरेट की गलती
आदतें, तो नौकरी की ।
दारू ज़्यादा हो गई, तो दोस्तों की गलती
कम रह गई, तब भी उनहीं की ।

जनाब कभी आपने स्वयं भी कोई गलती की है?