Saturday, July 7, 2012

एक वक़्त की बात बतायें

जब साथ थे, तो महफिलें रोज़ रोशन थी
अब शाम क्या, और जाम क्या, सब यूसुअल है ।

जब साथ थे, तो खाली जेब शहंशाह थे
अब हर तंख्वा में इनकम टैक्स बड़ा खलता है ।

जब साथ थे, तो हँस हँस के पेट दर्द हो जाता था
अब हँसने के लिए विदेशी सिट्कोम देखा करते हैं ।

जब साथ थे, तो हर बार फेल होते होते रह गए
अब सब एम-टेक, एम-एस, एम-बी-ए हो चले हैं ।

जब साथ थे, तो सारे होपलेस रोमैनटिक्स थे
आज सबका इट्स कॉम्प्लीकेटेड चल रहा है ।

जब साथ थे, तो हर सीज़न फ्रेंड्स का ही था
अब फ्रेंड्स का एक एक सीज़न बटोरना पड़ता है माँग  माँग कर ।

जब साथ थे, तो बड़े कमीने मालूम पड़ते थे
आज भी सुधरा तो उनमें से एक भी न होगा
पर सुधर गए तो साले पराये से लगेंगे यार अपने ।।